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आयुष चिकित्सक नर्सिंग होम चला रहे हैं जिनमें आपरेशन से लेकर डिलेवरी तक होती है जबकि उन्होंने इस पैथी की न पढ़ाई की है, न ट्रेनिंग। कई बार इनके हाथों लोगों की जान चली जाती है। स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने की बजाय अनियमितताओं को दुरुस्त कर इन्हें वैधानिक संरक्षण देने की भूमिका निभाता है।
बुंदेलखंड के जालौन जिले में पंजीकृत नर्सिंग होम की संख्या हो गयी है। रजिस्ट्रेशन में भले ही एमबीबीएस डाक्टर का नाम चढ़ा हो लेकिन ओटी से लेकर सर्जरी तक सारा काम अनभिज्ञ बीएएमएस डाक्टर करते हैं। जिला मुख्यालय के ऐसे ही एक नर्सिंग होम पर कुछ दिनों पहले सीजेरियन डिलेवरी के एक मामले में बीएएमएस महिला डाक्टर की नादानी से बच्चे की मौत हो गयी थी। हंगामा होने पर उसके परिवारजनों को संतुष्टï कर मामला निपटा लिया गया। तब तक नर्सिंग होम का पंजीकरण भी नहीं था लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने हस्तक्षेप करने की बजाय आननफानन में पंजीकरण कर उसे वैधता प्रदान कर दी। उक्त नर्सिंग होम के होर्डिंग शहर भर में लगे हैं जिनमें बीएएमएस महिला डाक्टर को स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ प्रचारित कर भ्रम पैदा किया जा रहा है। यही नहीं दर्जनों की संख्या में क्लीनिक नर्सिंग होम की तरह चल रहे हैं जिनमें भर्ती मरीजों को ड्रिप चढ़ते और सर्जरी कराते कभी भी देखा जा सकता है। जालौन के मोहल्ला भवानीराम में पिछले कई वर्षों से एक मेटरनिटी सेंटर चल रहा है जिसमें सामान्य प्रसव निदानसीजेरियन प्रसव निदान और अवैध गर्भपात धड़ल्ले से कराये जाते हैं। यह सभी कार्य एक बीएएमएस डाक्टर के द्वारा संपादित कराये जाते हैं जो पूरी तरह गैर कानूनी है। प्रसव निदान के लिए अनुमति तो गायनोकोलाजिस्ट के बिना संभव ही नहीं है फिर भी स्वास्थ्य विभाग आज तक नहीं चेता है। पंजीकृत क्लीनिकों में अधिकांश की यही हालत है। कोंच में आयुर्वेद से एमडी डाक्टर ने स्वयं को एमबीबीएस एमडी प्रचारित कर रखा है और यही झांसा देकर वे एलोपैथी की जटिल क्रियाओं की चिकित्सा भी कर डालते हैं। इसी कस्बे में एक बीएएमएस डाक्टर अपनी क्लीनिक पर एक्सरे और पैथोलाजी तक चला रहे हैं लेकिन आज तक स्वास्थ्य विभाग की निगाह उन पर नहीं गयी है। सीएमओ डाआरके अम्बष्टï ने कहा कि नर्सिंग होम के अनियमित संचालन की शिकायत मिलने पर ही कोई कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सभी नर्सिंग होम मानक के लिए निर्धारित शर्तें पूरी करने के बाद ही पंजीकृत किये गये हैं। हो सकता है कि नाम एमबीबीएस डाक्टर का लिखा हो और काम आयुष डाक्टर कर रहे हों लेकिन कार्रवाई के लिए इसकी कोई शिकायत उनके पास आनी चाहिए।
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